ननकू की छुट्टियाँ पड़ चुकी हैं और वो छुट्टियाँ मनाने नानी के घर जाने वाला है. ऐसे में उसे चिंता है अपने कुत्ते चीकू की.. सुबह-सुबह ननकू चीकू को रोटी खिलाते हुए मन ही मन इसी बारे में सोच रहा है..
“यार चीकू, मैं तो नानी के घर जा रहा हूँ और साथ में मम्मी भी जा रही हैं…पापा को तो ऑफ़िस जाना होता है और दादी को परेशान करना ठीक नहीं…मम्मी ने कह तो दिया है लेकिन…”
अचानक उसके मन में कुछ ख़याल आया और मम्मी को आवाज़ देते हुए भागता हुआ उनके पास गया..
“मम्मी..अरे एक आईडिया है”
“क्या आईडिया और कैसा आईडिया?” मोबाइल में न्यूज़ पढ़ते हुए मम्मी ने ननकू से सवाल किया..
“पहले एक बात बताओ..”
“क्या”, उन्होंने मोबाइल की ओर देखते हुए सवाल किया..
“सब के मम्मी-पापा होते हैं न?”
“हाँ, सबके होते हैं”
“और दादी-नानी?”
“हाँ, बेटा दादी-नानी भी सबके होते हैं…पर बात क्या है”
“बात ये है कि हम तो जा रहे हैं नानी के घर तो क्यूँ न हम चीकू को भी उसकी नानी के घर भेज दें…” ननकू ने उत्साह से मम्मी को आईडिया दिया
मम्मी ने ननकू की इस बात पर मोबाइल साइड में रख दिया…
“है न मस्त आईडिया..है ना?” ननकू ने मम्मी के जवाब का इंतज़ार न करते हुए अपनी बात को दोहराया..
“हाँ बेटा, आईडिया तो मस्त है लेकिन इसमें एक गड़बड़ है?”
“अच्छा, पर मेरा आईडिया तो बेस्ट होता है”
मम्मी ने ननकू को अपनी गोद में बिठाते हुए कहा…”हाँ मेरा बच्चा, तुम्हारा आईडिया तो बेस्ट होता है लेकिन हमें तो पता ही नहीं कि चीकू की नानी कहाँ रहती हैं”
अपनी मम्मी की ओर सिमटते हुए ननकू ने चिंता से कहा…”क्या हम उनका घर नहीं ढूँढ सकते?”
मम्मी ने ननकू के गालों पर हाथ रखते हुए कहा..”अच्छा…पर ये बताओ कि ये बात आयी कहाँ से..”
ननकू ने झट से मम्मी को बताना शुरू किया,”अरे हाँ, मैंने सोचा हम नानी के घर जा रहे हैं तो चीकू को रोटी कौन खिलाएगा तो सोचा उसे भी उसकी नानी के घर भेज दें…फिर उसे वहाँ मज़ा भी तो आएगा..जैसे मुझे नानी के घर आने वाला है”
“अच्छा जी, यहाँ से निकली है ये बात..लो दादी भी आ गईं, अब उन्हीं से पूछो चीकू की नानी का घर”
ननकू उछलता हुआ दादी के पास पहुँच गया..”दादी, दादी..तुम तो कित्ती बड़ी हो, तुम बताओ न..चीकू की नानी का घर कहाँ है?”
दादी ने ननकू के सर पर हाथ रख कर कहा,”तेरी दादी और चीकू की नानी मैं हूँ समझा… मैं उसको खाना भी खिला दूँगी और उसके साथ ख़ूब खेलूँगी भी…”
“तुम चीकू की नानी हो…अरे वाह..मम्मी देखो न, दादी तो चीकू की नानी कह रही हैं अपने को..”, ननकू हँसते हुए मम्मी को बताता है
“अब ज़्यादा सोच मत, तैयारी कर नानी के घर जाने की, जब तू नानी के घर जाएगा न तो…”
दादी के सवाल पर ननकू ने पूछा…
“तो..?”
“तो मैं चीकू से तेरी ख़ूब शिकायत करूँगी..”
“नहीं न दादी..मैं तो अच्छा बच्चा हूँ, प्लीज़ दादी”
दादी ने ननकू को गले से लगा लिया और प्यार करते हुए कहा..”नहीं मेरा बच्चा, नहीं करूँगी तेरी शिकायत…”
ननकू के क़िस्से- चीकू की नानी
