1.
चाहिए उसका तसव्वुर ही से नक़्शा खींचना
देख कर तस्वीर को तस्वीर फिर खींची तो क्या
बहादुर शाह “ज़फ़र”
2.
अब कौन मुंतज़िर है हमारे लिए वहाँ
शाम आ गई है लौट के घर जाएँ हम तो क्या
मुनीर नियाज़ी
3.
ख़ुदा से क्या मोहब्बत कर सकेगा
जिसे नफ़रत है उसके आदमी से
नरेश कुमार “शाद”
4.
ये रौशनी तिरे कमरे में ख़ुद नहीं आई
शम्अ का जिस्म पिघलने के बाद आई है
इंदिरा वर्मा
5.
अजनबी जान के क्या नाम-ओ-निशाँ पूछते हो
भाई हम भी उसी बस्ती के निकाले हुए हैं
इरफ़ान सिद्दीक़ी
6.
बहुत सँभल के चलने वाली थी पर अब के बार तो,
वो गुल खिले कि शोख़ी-ए-सबा ही और हो गई
परवीन शाकिर
7.
कितनी दिलकश हो तुम कितना दिल-जू हूँ मैं,
क्या सितम है कि हम लोग मर जाएँगे
जौन एलिया
8.
दिल लगा हो तो जी जहाँ से उट्ठा,
मौत का नाम प्यार का है इश्क़
मीर तक़ी मीर
9.
आपका साथ साथ फूलों का,
आपकी बात बात फूलों की
मख़दूम मुहीउद्दीन
10.
आज तक अपनी बेकली का सबब,
ख़ुद भी जाना नहीं कि तुझ से कहें
अहमद फ़राज़
[फ़ोटो क्रेडिट (फ़ीचर्ड इमेज): प्रियंका शर्मा]