चिट्ठी

पापा सारा सामान गाड़ी की डिक्की में जमा रहे थे और रॉकी चाचा उनकी मदद कर रहे थे। इधर मौसी दादी से मिलते हुए दादी की आँखें भरी हुई थी। रेखा बुआ माँ से बार-बार वापस आने के लिए कह रही थीं और ननकू, रसगुल्ला और चीकू को बार-बार प्यारा भी कर रही थीं। जब … Continue reading चिट्ठी