सुबह से ही नहाकर ननकू तैयार था। अपना छोटा बैग और पानी की बोतल लेकर बरामदे में खड़ा था, उसकी नज़र दरवाज़े पर ही टिकी थी। कुछ देर खड़े रहकर ननकू गार्डन में पौधों को पानी देती डॉली को देखकर बोला- “डॉली मौसी कब आएँगे?”
डॉली एक बार दरवाज़े की तरफ़ देखी और फिर ननकू को देखकर बोलीं- “बस आ रहे होंगें?..जब तक दूध पी लो तब तक आ जाएँगे”
“विक्की भैया बोले थे नाश्ते के बाद कुछ भी नहीं खाना, जो भी खाना है वहीं खाना है..नहीं तो रूल टूट जाएगा”- ननकू डॉली मौसी को समझाते हुए बोला।
डॉली उसकी बात सुनकर मुस्कुरा उठी और ननकू भी ख़ुशी से झूम उठा उसे विक्की और विन्नी आते दिख गए थे। विक्की और विन्नी के साथ भी बैग और पानी की बोतल थी। ननकू जाने के लिए निकल ही रहा था कि रसगुल्ला उसके पीछे आ गया। ननकू रसगुल्ला को गोद में उठाता कि विक्की बोल उठा- “रसगुल्ला को साथ में मत लो ननकू..वहाँ तो ये चढ़ भी नहीं पाएगा..” विन्नी ने भी सिर हिलाकर हामी भरी।
ननकू सोच में डूबा था कि माँ ने आकर रसगुल्ला को गोद में उठा लिया और बोली- “रसगुल्ला मेरे पास रहेगा..तू विक्की और विन्नी के साथ जा..अच्छे से जाना और हड़बड़ी नहीं करना..अब जाओ”- माँ ने ननकू को पुचकारा और फिर विक्की और विन्नी के सिर पर भी हाथ फेरा। तीनों बच्चे निकल गए। रसगुल्ला पूँछ हिलाकर साथ जाने को मचलता रहा फिर माँ की गोद में आँखें बंद करके सोने लगा..माँ उसे अंदर ले गयीं।
ननकू, विक्की और विन्नी के साथ चला जा रहा था..आसपास देखता हुआ। ये पहली बार था जब वो माँ- पापा या दादी के बिना कहीं अकेला जा रहा था। उसे बहुत अच्छा लग रहा था। उसने पहले ही सोच लिया था कि वापस आकर दादी को एक चिट्ठी ज़रूर लिखेगा।
“ननकू तुझे चढ़ना आता है?”- विन्नी ने पूछा
“नहीं..मैं तो पहली बार जा रहा हूँ..”- ननकू बोला
“फिर तू कैसे चढ़ेगा?”- विन्नी बोली
“क्यों हम हैं न..हम चढ़ाएँगे..तुझे पहले चढ़ना आता था क्या? मैंने सिखाया तो आ गया ना..ऐसे ही ननकू को भी आ जाएगा..है न ननकू?”- विक्की ने कहा
“हाँ..विक्की भैया”- ननकू ख़ुश होकर बोला अब विन्नी की चिंता भी दूर हो गयी।
थोड़ी देर में तीनों कर्नल राठौर के घर के पास पहुँच चुके थे। नैंसी दरवाज़े पर खड़ी तीनों का इंतज़ार कर रही थी…नैंसी और विक्की एक ही उम्र के थे लेकिन नैंसी विक्की से ज़रा समझदार थी। नैंसी ने उन्हें देखते ही कहा- “अच्छा..तो ये है ननकू”
ननकू नैंसी को देखकर मुस्कुराया। तीनों नैंसी के साथ उसके घर के बड़े से अहाते में चले गए और घर के अंदर न जाकर बड़े से गार्डन के पीछे जाने लगे। ननकू ने देखा वहाँ ढेर सारे पेड़-पौधे थे। इतने बड़े-बड़े पेड़ तो उसने न अपने घर देखा था न नानी के घर, उसे तो अभी से नैंसी का घर अच्छा लगने लगा था। तभी विक्की की आवज आयी.. “ननकू देख…वो रहा ट्री हाउस”
उत्सुकता में भरे ननकू ने देखा एक बड़े से पेड़ के ऊपर एक छोटा-सा, प्यारा सा घर बना हुआ था। पेड़ के ऊपर बना हुआ घर तो ननकू ने इससे पहले कभी देखा ही नहीं था। ननकू को ये समझ नहीं आ रहा था कि अब इस पर चढ़ेंगे कैसे?..वो ये सोच ही रहा था कि नैंसी उन्हें पेड़ की दूसरी ओर ले आयी जहाँ एक रस्सी थी..नैंसी ने उस रस्सी को खींचा और ट्री हाउस से लगी एक सीढ़ी नीचे आ गयी। अब ननकू को समझ आया कि इस सीढ़ी से वो लोग ऊपर जाएँगे। चारों एक-एक करके सीढ़ी से चढ़ने लगे। सबसे आगे नैंसी थी उसके बाद विन्नी फिर ननकू और सबसे आख़िर में विक्की।
जैसा विक्की और विन्नी ने सोचा था वैसे ननकू को ट्री हाउस की हिलती सीढ़ियों में ज़रा भी डर नहीं लगा बल्कि वो तो बड़े मज़े से चढ़ा जा रहा था। ननकू तो चाहता था कि वो जल्दी से ऊपर पहुँचकर ट्री हाउस को अंदर से देखे। जैसे ही ननकू अंदर पहुँचा उसने देखा कि ट्री हाउस की लकड़ी की दीवारों में ढेर सारी ड्रॉइंग लगी हुई थी, ननकू उन्हें ध्यान से देखने लगा, तो नैंसी ने कहा- “मैंने बनायी है सब..”
“ये तो बहुत सुंदर है..”- ननकू बोला
नैंसी ख़ुश हो गयी। विक्की और विन्नी तो कभी ऐसी बात ही नहीं करते थे। नैंसी ननकू को ड्रॉइंग के बारे में बताने लगी। विन्नी बैग रखकर पास में बैठने के लिए लगे छोटे से गद्दे में बैठ गयी, विक्की नैंसी और ननकू के साथ खड़ा था। तभी नैंसी को कुछ याद आया-
“एक मिनट विक्की..मैं बोली थी न कि कुछ दिखाऊँगी..अभी लाती हूँ..” ये कहकर नैंसी ट्री हाउस के कोने से एक छोटा-सा बक्सा उठा लायी। नैंसी बीच में बैठ गयी, विक्की और ननकू उसके पास बैठ गए, विन्नी भी उत्सुकता से उनके पास चली आयी..नैंसी ने उन तीनों को देखा और उस बक्से का ढक्कन खोलने लगी..
(ननकू आज पहली बार माँ के बिना अकेले बाहर आया है। ट्री हाउस तो उसे बहुत अच्छा लगा, नैंसी का घर, नैंसी की ड्रॉइंग और अब नैंसी ले आयी है अपना ख़ज़ाना..आख़िर इस बक्से में क्या है..ये पता चलेगा कल और ट्री हाउस में चारों क्या-क्या करेंगे ये भी पता चलेगा कल..आप भी हमें अपने ऐसे अड्वेंचर के बारे में ज़रूर बताना)