फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की शायरी
Faiz Ahmed Faiz Shayari 1. दोनों जहान तेरी मुहब्बत में हार के, वो जा रहा है कोई शब-ए-ग़म गुज़ार के…
हिन्दी और उर्दू साहित्य का संगम
Shayar Aur Sher : ‘साहित्य दुनिया’ के ज़रिए कोशिश ये है कि लोगों की रूचि साहित्य और भाषा में बढ़े। ये साहित्य और भाषा से जुड़ी बातों को बड़े-बड़े और गम्भीर वाक्यों से न समझाकर उसे सरल, बोलचाल की भाषा में आम जन तक पहुँचाने का प्रयास है।
Faiz Ahmed Faiz Shayari 1. दोनों जहान तेरी मुहब्बत में हार के, वो जा रहा है कोई शब-ए-ग़म गुज़ार के…
Iqbal Ki Shayari 1. गुज़र जा अक़्ल से आगे कि ये नूर चराग़-ए-राह है मंज़िल नहीं है 2. ख़ुदी को…
Mirza Ghalib Shayari 1. फिर उसी बेवफ़ा पे मरते हैं, फिर वही ज़िंदगी हमारी है 2. बे-ख़ुदी बे-सबब नहीं ‘ग़ालिब’…
Kaifi Azmi Shayari 1- की है कोई हसीन ख़ता हर ख़ता के साथ थोड़ा सा प्यारा भी मुझे दे दो…
Jigar Moradabadi Shayari 1- अपना ज़माना आप बनते हैं अहल-ए-दिल हम वो नहीं कि जिनको ज़माना बना गया 2- आँखों…
Waseem Barelvi उसको फ़ुर्सत नहीं मिलती कि पलट कर देखे, हम ही दीवाने हैं, दीवाने बने रहते हैं ~ वसीम…
1. Firaq Gorakhpuri Ki Shayari तुम्हें क्यूँकर बताएँ ज़िंदगी को क्या समझते हैं समझ लो साँस लेना ख़ुद-कुशी करना समझते…
Meer Taqi Meer Shayari 1. फ़क़ीराना आए सदा कर चले, मियाँ ख़ुश रहो हम दुआ कर चले 2. जो तुझ…
Ghalib Ke Khat : मिर्ज़ा ग़ालिब की शा’इरी के तो सभी दीवाने हैं लेकिन बात नस्र की करें तो उसमें…