ईमानदारी, जिजीविषा और प्रेम की मिसाल है, सीमा कपूर की आत्मकथा ‘यूँ गुज़री है अब तलक’
अक्सर मैं सोचा करती हूँ कि कोई व्यक्ति अपने जीवन को लिखने के बारे में क्यों कर उत्सुक होता होगा?…
जुस्तुजू जिसकी थी उसको तो न पाया हमने – शहरयार
Justju jiski thi usko to na paaya humne जुस्तुजू जिसकी थी उसको तो न पाया हमने इस बहाने से मगर…
रोज़ – अज्ञेय
Agyeya Ki Kahani Roz लेखक – अज्ञेय ___________ दोपहरिए में उस घर के सूने आँगन में पैर रखते ही मुझे…
रेत पर सफ़र का लम्हा – अहमद शमीम
Ret Par Safar Ka Lamha रेत पर सफ़र का लम्हा – अहमद शमीम कभी हम ख़ूब-सूरत थे किताबों में बसी…
शायरी की बातें…
ग़ज़ल क्या है? मुसल्लस जब कोई कविता तीन-तीन मिसरों के बंदों में बँटी होती है, तो उसे मुसल्लस कहा जाता…
दिनों की लाशें — अरग़वान रब्बही
DinoN Ki LaasheN ~~ अरग़वान रब्बही ट्रेन की खिड़की से बाहर साथ-साथ चलते अंधेरों के बीच अंदर सोए लोगों की…
अपनी ख़बर, न उसका पता है, ये इश्क़ है
Apnii Khabar na uska pata hai ye ishq hai इरफ़ान सत्तार की ग़ज़ल अपनी ख़बर, न उसका पता है, ये…
पहलवान की ढोलक – फणीश्वरनाथ रेणु
Pahalwan Ki Dholak लेखक – फणीश्वरनाथ रेणु (Phanishwar Nath Renu) ________________ जाड़े का दिन। अमावस्या की रात—ठंडी और काली। मलेरिया…
अकाल और उसके बाद – नागार्जुन
कई दिनों तक चूल्हा रोया, चक्की रही उदास कई दिनों तक कानी कुतिया सोई उनके पास कई दिनों तक लगी…
फिर उसी रहगुज़ार पर शायद
Phir usi rah guzaar par shaayad फिर उसी रहगुज़ार पर शायद हम कभी मिल सकें मगर शायद जिन के हम…