Faiz Ahmad Faiz Biography
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ (1911-1984) उर्दू साहित्य के सबसे मशहूर और प्रभावशाली शायरों में से एक थे। उनका जन्म 13 फरवरी 1911 को सियालकोट (अब पाकिस्तान में) में हुआ था। फ़ैज़ की शायरी में इश्क़, दर्द, विद्रोह और इंसानियत का संगम देखने को मिलता है। वे प्रगतिशील आंदोलन से जुड़े हुए थे और उनकी रचनाओं में सामाजिक न्याय, समानता और आज़ादी की झलक साफ़ दिखाई देती है।
फ़ैज़ ने गवर्नमेंट कॉलेज, लाहौर से अंग्रेज़ी और अरबी साहित्य में मास्टर्स की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने उर्दू शायरी को एक नया आयाम दिया। उनकी कविताओं में ग़ज़ल और नज़्म दोनों शामिल हैं। वामपंथी विचारधारा के समर्थक फ़ैज़ ट्रेड यूनियन और मज़दूर आंदोलन से भी जुड़े रहे। 1951 में उन्हें “रावलपिंडी साज़िश” के आरोप में जेल भी जाना पड़ा, जहाँ उन्होंने कुछ बेहतरीन शायरी लिखी।
Faiz Ahmad Faiz Biography
फ़ैज़ को 1962 में “लेनिन शांति पुरस्कार” दिया गया, जो उनकी वैश्विक लोकप्रियता का प्रमाण है। उनकी प्रमुख रचनाओं में “नक़्श-ए-फ़रियादी”, “दस्त-ए-सबा”, “ज़िंदांनामा” और “दस्त-ए-तह-ए-संग” शामिल हैं। उनकी कविताओं में इंक़लाब, प्रेम, दर्द और आशा के रंग भरे होते हैं।
फ़ैज़ की शायरी में रोमांटिक अंदाज़ और सामाजिक यथार्थ का मेल है। उन्होंने उर्दू भाषा को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई। उनकी कविताएँ आज भी हर दौर में प्रासंगिक हैं और उनकी ग़ज़लों और नज़्मों को कई गायकों ने गाया है। फ़ैज़ न केवल एक शायर, बल्कि एक विचारधारा के प्रतीक भी हैं।
20 नवम्बर, 1984 को फ़ैज़ साहब ने इस फ़ानी दुनिया को अलविदा कह दिया।
फ़ैज़ के कुछ बेहतरीन शेर – फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की शायरी