फ़ाएदा क्या है हमें और ख़सारा क्या है – अजमल सिराज

फ़ाएदा क्या है हमें और ख़सारा क्या है
जो भी है आप का सब कुछ है हमारा क्या है

हम ने कुछ ऐसी बना रक्खी है हालत अपनी
पूछता कोई नहीं हाल तुम्हारा क्या है

कुछ नहीं देखते कुछ भी हो तिरे दीवाने
देखते हैं तिरी जानिब से इशारा क्या है

दूर से जो नज़र आता है सितारे जैसा
अश्क-ए-महताब है या कोई शरारा क्या है

जिस्म पर वार किया और उसे ढेर किया
हम को मारा है क़ज़ा ने वले मारा क्या है

ख़त्म हो जाएगा जब खेल तो खुल जाएगा
कोई जीता है तो क्या हारा तो हारा क्या है

डूबने वाले को तिनके का सहारा है बहुत
डूबने वाले को तिनके का सहारा क्या है

मर गए होते तो याद आते तुम्हें भी ‘अजमल’
जी रहे हैं तो क़ुसूर इस में हमारा क्या है

—-
अजमल सिराज

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