घनी कहानी, छोटी शाखा: भुवनेश्वर की कहानी ‘माँ-बेटे’ का पहला भाग
Bhuvneshvar Ki Kahani Maan Bete माँ-बेटे – भुवनेश्वर भाग-1 चारपाई को घेरकर बैठे हुए उन सब लोगों ने एक साथ एक गहरी साँस ली। वह सब थके-हारे हुए ख़ामोश थे। कमरे में पूरी ख़ामोशी थी, मरने वाले की साँस भी थकी हुई-सी हारी हुई थी। तीन दिन से वह सब मौत की लड़ाई देख रहे … Read more