ग़ज़ल शायरी रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ…. अहमद फ़राज़ साहित्य दुनिया Ranjish Hi Sahi रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ आ फिर से मुझे छोड़ के जाने के…