मिर्ज़ा ग़ालिब के बेहतरीन शेर
Ghalib Best Sher 1. फिर उसी बेवफ़ा पे मरते हैं, फिर वही ज़िंदगी हमारी है 2. बे-ख़ुदी बे-सबब नहीं ‘ग़ालिब’…
हिन्दी और उर्दू साहित्य का संगम
Ghalib Best Sher 1. फिर उसी बेवफ़ा पे मरते हैं, फिर वही ज़िंदगी हमारी है 2. बे-ख़ुदी बे-सबब नहीं ‘ग़ालिब’…