चाँद का मुँह टेढ़ा है ~ गजानन माधव मुक्तिबोध
Chand Ka Munh Tedha Hai ~ चाँद का मुँह टेढ़ा है ~ गजानन माधव मुक्तिबोध नगर के बीचों-बीच आधी रात—अँधेरे…
हिन्दी और उर्दू साहित्य का संगम
Chand Ka Munh Tedha Hai ~ चाँद का मुँह टेढ़ा है ~ गजानन माधव मुक्तिबोध नगर के बीचों-बीच आधी रात—अँधेरे…
Main Tum Logon Se Door Hoon ~ मैं तुम लोगों से दूर हूँ ~ गजानन माधव मुक्तिबोध मैं तुम लोगों…