दो शा’इर, दो ग़ज़लें (6): जिगर मुरादाबादी और इरफ़ान सिद्दीक़ी…
दो शा’इर, दो ग़ज़लें सीरीज़ में हम आज आपके सामने जिगर मुरादाबादी और इरफ़ान सिद्दीक़ी की ग़ज़लें पेश कर रहे हैं. Humko Mita Sake Ye Zamane Mein Dum Nahin (Jigar), Mujhe bacha bhi liya chhoR kar chala bhi gaya (Irfan Siddiqui) जिगर मुरादाबादी (Jigar Moradabadi) की ग़ज़ल (Ghazal) : हमको मिटा सके ये ज़माने में … Read more