जुस्तुजू जिसकी थी उसको तो न पाया हमने – शहरयार
Justju jiski thi usko to na paaya humne जुस्तुजू जिसकी थी उसको तो न पाया हमने इस बहाने से मगर…
हिन्दी और उर्दू साहित्य का संगम
Justju jiski thi usko to na paaya humne जुस्तुजू जिसकी थी उसको तो न पाया हमने इस बहाने से मगर…
Gham Shayari हमने तो कोई बात निकाली नहीं ग़म की वो ज़ूद-पशीमान पशीमान सा क्यूँ है शहरयार ___ पत्थर के…