1.
तितलियाँ जुगनू सभी होंगे मगर देखेगा कौन
हम सजा भी लें अगर दीवार-ओ-दर देखेगा कौन
नोशी गिलानी
2.
काँटों में घिरे फूल को चूम आएगी लेकिन
तितली के परों को कभी छिलते नहीं देखा
परवीन शाकिर
3.
उजाड़ तपती हुई राह में भटकने लगी
न जाने फूल ने क्या कह दिया था तितली से
नुसरत ग्वालियारी
4.
जो भूले से बचपन में पकड़ी थी तितली
सुरूर-ए-वफ़ा में भी उतरा वही रंग
इंदिरा वर्मा
5.
मिरी गिरफ़्त में आ कर निकल गई तितली
परों के रंग मगर रह गए हैं मुट्ठी में
शकेब जलाली
6.
तितली के तआक़ुब में कोई फूल सा बच्चा
ऐसा ही कोई ख़्वाब हमारा भी कभी था
अहमद फ़राज़
7.
ये शबनमी लहजा है आहिस्ता ग़ज़ल पढ़ना
तितली की कहानी है फूलों की ज़बानी है
बशीर बद्र
8.
हमें बुरा नहीं लगता सफ़ेद काग़ज़ भी
ये तितलियाँ तो तुम्हारे लिए बनाते हैं
नोमान शौक़
9.
धूप में सब रंग गहरे हो गए
तितलियों के पर सुनहरे हो गए
मुहम्मद अल्वी
10.
बाग़ में जाने के आदाब हुआ करते हैं
किसी तितली को न फूलों से उड़ाया जाए
निदा फ़ाज़ली