Category: गद्य

घनी कहानी, छोटी शाखा: रवीन्द्रनाथ टैगोर की ‘अनाथ’ का अंतिम भाग

आपने अब तक पढ़ा कि शशिकला अपने पति से बहुत स्नेह करती है. उसकी कम उम्र में जयगोपाल बाबू से…

घनी कहानी, छोटी शाखा: रवीन्द्रनाथ टैगोर की ‘अनाथ’ का तीसरा भाग

आपने अब तक पढ़ा कि शशिकला अपने पति से बहुत स्नेह करती है. उसकी कम उम्र में जयगोपाल बाबू से…

घनी कहानी, छोटी शाखा: रवीन्द्रनाथ टैगोर की ‘अनाथ’ का दूसरा भाग

पड़ोसन के मुँह से किसी और स्त्री के पति की बुराई भी शशिकला को अच्छी न लगी. वो इस बात…

घनी कहानी, छोटी शाखा: रवीन्द्रनाथ टैगोर की ‘अनाथ’ का प्रथम भाग

गांव की किसी एक अभागिनी के अत्याचारी पति के तिरस्कृत कर्मों की पूरी व्याख्या करने के बाद पड़ोसिन तारामती ने…

घनी कहानी, छोटी शाखा: जयशंकर प्रसाद की कहानी “छोटा जादूगर” का अंतिम भाग

(कार्निवल में उसकी निगाह अचानक एक लड़के पर पड़ती है. शराब पीने वाले लोगों को देख रहे इस लड़के की…

घनी कहानी, छोटी शाखा: जयशंकर प्रसाद की कहानी “छोटा जादूगर” का पहला भाग

छोटा जादूगर- जयशंकर प्रसाद भाग-1 कार्निवल के मैदान में बिजली जगमगा रही थी। हँसी और विनोद का कलनाद गूँज रहा…

घनी कहानी, छोटी शाखा: सुभद्रा कुमारी चौहान की कहानी “हींगवाला’ का अंतिम भाग

(कहानी के पहले भाग में आपने पढ़ा कि किस तरह हींगवाला ख़ान सावित्री को हींग की ज़रूरत न होने पर…

घनी कहानी, छोटी शाखा: सुभद्रा कुमारी चौहान की कहानी “हींगवाला’ का पहला भाग

लगभग 35 साल का एक ख़ान आंगन में आकर रुक गया । हमेशा की तरह उसकी आवाज सुनाई दी –…

घनी कहानी, छोटी शाखा: मुंशी प्रेमचंद की कहानी “कोई दुःख न हो तो बकरी ख़रीद लो” का अंतिम भाग

कोई दुःख न हो तो बकरी ख़रीद लो- मुंशी प्रेमचंद भाग-5 (अब तक आपने पढ़ा…अच्छा और शुद्ध दूध पाने की…

घनी कहानी, छोटी शाखा: मुंशी प्रेमचंद की कहानी “कोई दुःख न हो तो बकरी ख़रीद लो” का चौथा भाग

कोई दुःख न हो तो बकरी ख़रीद लो- मुंशी प्रेमचंद भाग-4 (अब तक आपने पढ़ा…दूध की बढ़ती किल्लत और अच्छा…