वही फिर मुझे याद आने लगे हैं …ख़ुमार बाराबंकवी

Khumar Barabankvi Ki Shayari 

वही फिर मुझे याद आने लगे हैं
जिन्हें भूलने में ज़माने लगे हैं

वो हैं पास और याद आने लगे हैं
मुहब्बत के होश अब ठिकाने लगे हैं

सुना है हमें वो भुलाने लगे हैं
तो क्या हम उन्हें याद आने लगे हैं 

हटाए थे जो राह से दोस्तों की
वो पत्थर मिरे घर में आने लगे हैं

ये कहना था उन से मुहब्बत है मुझ को
ये कहने में मुझ को ज़माने लगे हैं     ICC World Test Championship Final Dates Announced

 

Khumar Barabankvi Ki Shayari 

क़यामत यक़ीनन क़रीब आ गई है
‘ख़ुमार’ अब तो मस्जिद में जाने लगे हैं

~ ख़ुमार बाराबंकवी

Ahmad Faraz Ki Shayari 

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