दो शा’इर, दो नज़्में (2): मख़दूम और फै़ज़…

Makhdoom Aur Faiz Ki Nazm Urdu Shayari Lafz Lucknow

Makhdoom Aur Faiz Ki Nazm मख़दूम मुहिउद्दीन की नज़्म: “चारागर” इक चमेली के मंडवे-तले मय-कदे से ज़रा दूर उस मोड़ पर दो बदन प्यार की आग में जल गए प्यार हर्फ़-ए-वफ़ा प्यार उन का ख़ुदा प्यार उन की चिता दो बदन ओस में भीगते चाँदनी में नहाते हुए जैसे दो ताज़ा-रौ ताज़ा-दम फूल पिछले-पहर ठंडी … Read more