Subah Shayari : सुबह पर ख़ूबसूरत शायरी
Subah Shayari नया चश्मा है पत्थर के शिगाफ़ों से उबलने को, ज़माना किस क़दर बेताब है करवट बदलने को सरदार…
हिन्दी और उर्दू साहित्य का संगम
Subah Shayari नया चश्मा है पत्थर के शिगाफ़ों से उबलने को, ज़माना किस क़दर बेताब है करवट बदलने को सरदार…