तुझसे अब और मुहब्बत नहीं की जा सकती
Noshi Gilani Shayari तुझसे अब और मुहब्बत नहीं की जा सकती, ख़ुद को इतनी भी अज़ीयत नहीं दी जा सकती हब्स का शहर है और उसमें किसी भी सूरत, साँस लेने की सहूलत नहीं दी जा सकती रौशनी के लिए दरवाज़ा खुला रखना है, शब से अब कोई इजाज़त नहीं ली जा सकती इश्क़ ने … Read more