घनी कहानी, छोटी शाखा: मुंशी प्रेमचंद की ‘ईदगाह’ का तीसरा भाग..

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ईदगाह (मुंशी प्रेमचंद) Premchand Eidgaah भाग -तीन घनी कहानी, छोटी शाखा(1): मुंशी प्रेमचंद की ‘ईदगाह’ का पहला भाग.. घनी कहानी, छोटी शाखा: मुंशी प्रेमचंद की ‘ईदगाह’ का दूसरा भाग.. (इससे पहले आपने पढ़ा हामिद, जो अपनी दादी अमीना के साथ गाँव में रहता है, ईद के मौक़े पर सिर्फ़ तीन पैसे साथ लिए अपने दोस्तों … Read more

दो शा’इर, दो नज़्में (2): मख़दूम और फै़ज़…

Makhdoom Aur Faiz Ki Nazm Urdu Shayari Lafz Lucknow

Makhdoom Aur Faiz Ki Nazm मख़दूम मुहिउद्दीन की नज़्म: “चारागर” इक चमेली के मंडवे-तले मय-कदे से ज़रा दूर उस मोड़ पर दो बदन प्यार की आग में जल गए प्यार हर्फ़-ए-वफ़ा प्यार उन का ख़ुदा प्यार उन की चिता दो बदन ओस में भीगते चाँदनी में नहाते हुए जैसे दो ताज़ा-रौ ताज़ा-दम फूल पिछले-पहर ठंडी … Read more