घनी कहानी, छोटी शाखा(1): मुंशी प्रेमचंद की ‘ईदगाह’ का पहला भाग..
ईदगाह (मुंशी प्रेमचंद) ~ Eidgah Premchand भाग -एक रमज़ान के पूरे तीस रोज़ों के बाद ईद आयी है। कितना मनोहर, कितना सुहावना प्रभाव है। वृक्षों पर अजीब हरियाली है, खेतों में कुछ अजीब रौनक है, आसमान पर कुछ अजीब लालिमा है। आज का सूर्य देखो, कितना प्यारा, कितना शीतल है, यानी संसार को ईद की … Read more