मीर के मशहूर शेर

Meer Taqi Meer ki shayari. Ghazal Shayari Maqta संज्ञा के प्रकार ह वाले शब्द Sangya Ke Bhed

Meer Taqi Meer जिन जिन को था ये इश्क़ का आज़ार मर गए अक्सर हमारे साथ के बीमार मर गए _____ दिखाई दिए यूँ कि बे-ख़ुद किया हमें आपसे भी जुदा कर चले _____ इश्क़ माशूक़ इश्क़ आशिक़ है यानी अपना ही मुब्तला है इश्क़ Meer Taqi Meer _____ कहते तो हो यूँ कहते यूँ … Read more