अपनी ख़बर, न उसका पता है, ये इश्क़ है
Apnii Khabar na uska pata hai ye ishq hai इरफ़ान सत्तार की ग़ज़ल अपनी ख़बर, न उसका पता है, ये इश्क़ है जो था, नहीं है, और न था, है, ये इश्क़ है पहले जो था, वो सिर्फ़ तुम्हारी तलाश थी लेकिन जो तुमसे मिल के हुआ है, ये इश्क़ है तश्कीक है, न जंग … Read more