मीर तक़ी मीर की शायरी
Meer Taqi Meer Shayari 1. फ़क़ीराना आए सदा कर चले, मियाँ ख़ुश रहो हम दुआ कर चले 2. जो तुझ बिन न जीने को कहते थे हम सो इस अहद को अब वफ़ा कर चले 3. वो क्या चीज़ है आह जिसके लिए हर इक चीज़ से दिल उठा कर चले 4. कोई ना-उमीदाना करते … Read more