Subah Shayari : सुबह पर ख़ूबसूरत शायरी
Subah Shayari ज़िंदगी शम्अ की मानिंद जलाता हूँ ‘नदीम’ बुझ तो जाऊँगा मगर सुबह तो कर जाऊँगा अहमद नदीम क़ासमी…
हिन्दी और उर्दू साहित्य का संगम
Subah Shayari ज़िंदगी शम्अ की मानिंद जलाता हूँ ‘नदीम’ बुझ तो जाऊँगा मगर सुबह तो कर जाऊँगा अहमद नदीम क़ासमी…