अख़्तर शीरानी की नज़्म ‘ऐ इश्क़ हमें बर्बाद न कर’
Aye Ishq Humen Barbaad Na Kar ~ Akhtar Shirani ऐ इश्क़ न छेड़ आ आ के हमें, हम भूले हुओं को याद न कर पहले ही बहुत नाशाद हैं हम, तू और हमें नाशाद न कर क़िस्मत का सितम ही कम नहीं कुछ, ये ताज़ा सितम ईजाद न कर यूँ ज़ुल्म न कर बे-दाद न … Read more