फूल पर शायरी
Phool Shayari काँटों में घिरे फूल को चूम आएगी लेकिन तितली के परों को कभी छिलते नहीं देखा परवीन शाकिर…
हिन्दी और उर्दू साहित्य का संगम
Phool Shayari काँटों में घिरे फूल को चूम आएगी लेकिन तितली के परों को कभी छिलते नहीं देखा परवीन शाकिर…
Subah Shayari नया चश्मा है पत्थर के शिगाफ़ों से उबलने को, ज़माना किस क़दर बेताब है करवट बदलने को सरदार…