“द टाइम ट्रेवलर्स वाइफ़” की समीक्षा – ”द टाइम ट्रेवलर्स वाइफ़” जब इस किताब को पढ़ना शुरू किया तो मुझे ये बुक थोड़ी अजीब लगी। पर जैसे-जैसे किताब के पन्ने पलटते गए इस अजीब-सी लगने वाली बुक ने मुझे ख़ुद से बाँध लिया…जब भी समय मिलता इस किताब को पढ़ने में ही जाता और धीरे-धीरे न सिर्फ़ इस किताब से,बल्कि इसके किरदारों से भी जुड़ाव होता गया। अब तक की मेरी पढ़ी हुई सभी पुस्तकों में से ये एक ऐसी बुक है..जो पूरी तरह से काल्पनिक है, लेकिन फिर भी ये मुझे बांधे रखने में सफल हुई।
”द टाइम ट्रेवलर्स वाइफ़” की सबसे बड़ी ख़ासियत है…इसके किरदार..हेनरी और क्लेअर…जो एक दूसरे से पहली बार तब मिले, जब हेनरी ३६ साल का और क्लेयर ६ साल की थी…और दोनों ने शादी की तब हेनरी ३० साल का और क्लेयर २२ साल की थी। ये अजीब ज़रूर लगता है, लेकिन ये ही सच है। इसका कारण बड़ा ही रोचक है और इस किताब से जुड़ाव का मुख्य कारण भी, वो कारण है हेनरी की एक अनोखी बीमारी…जिसके कारण हेनरी अचानक ही अपने बीते समय या भविष्य में चला जाता है यानी कि वो टाइम ट्रैवल करता है, इस पर हेनरी का कोई बस नहीं चलता।
वहीँ इस किताब की दूसरी ख़ासियत है इसका लेखन। l लेखिका औड्रेय निफ़्फ़नेगर( Audrey Niffenegger) का ये पहला उपन्यास है और उन्होंने बहुत ही ख़ूबसूरती और प्यार से इस किताब को लिखा है। ये बात पढ़ते हुए ज़ाहिर होती है। हर पैराग्राफ़ बहुत ही बारीकी से लिखा जान पड़ता है। हर परिस्थिति, हर भाव, आसपास की जानकारी, मौसम का उल्लेख; सब इतना उम्दा है कि पाठक को ऐसा लगता है जैसे वो कोई बुक नहीं पढ़ रहा,बल्कि उस बुक का ही एक हिस्सा हो। शायद यही कारण है कि पाठक को इस बुक और उसके किरदारों से लगाव हो जाता है।
इस किताब को पढ़ना उन लोगों के लिए बहुत ही अच्छा हो सकता है, जो ख़ुद भी बुक लिखना चाहते हों। इससे पाठकों को बाँधकर रखने का गुर सीखा जा सकता है और प्रभावशाली लेखन भी। जब तक इस बुक को पढ़ना जारी रहा मैंने ख़ुद को एक रोमांचक यात्रा में पाया। मैंने कहीं पढ़ा था..”एक अच्छी बुक वो होती है जिसे पूरा करने के बाद आपको ऐसा लगे, जैसे आप अपने किसी दोस्त से बिछड़ गए हों”। इस किताब से पहले तक ये मेरे लिए किसी की कही हुई बात थी, लेकिन आज ये मेरा अनुभव है।
बाद में इस किताब की कहानी पर ही इसी नाम से फ़िल्म भी बनी लेकिन किताबों पर बनी अधिकांश फ़िल्म्ज़ की तरह ही इस फ़िल्म ने भी ख़ास प्रभावित नहीं किया हालाँकि उसे बनाया काफ़ी अच्छी तरह है। (“द टाइम ट्रेवलर्स वाइफ़” की समीक्षा)