Famous Urdu Shayari
यही दुनिया हमें अच्छा भी समझ सकती थी
बस ज़रा चाल चलन बीच में आ जाता है।
अमीर इमाम (Ameer Imam)
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पेड़ मुझे हसरत से देखा करते थे
मैं जंगल में पानी लाया करता था
तहज़ीब हाफ़ी (Tehzeeb Hafi)
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लम्हे लम्हे से बनी है ये ज़माने की किताब
नुक़्ता नुक़्ता यहां सदियों का सफ़र लगता है
मोइद रशीदी (Moid Rasheedi)
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दिल के दरिया ने किनारों से मुहब्बत कर ली
तेज़ बहता है मगर कम नहीं होने पाता
सरवत ज़ेहरा (Sarwat Zehra)
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तेरे बिन घड़ियाँ गिनी हैं रात दिन
नौ बरस ग्यारह महीने सात दिन
रहमान फ़ारिस (Rehman Faris)
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मुझे न रोक किसी लहर के इशारे से
मैं उठ रहा हूँ ज़माने! तिरे किनारे से
स्वप्निल तिवारी (Swappnil Tiwari)
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मिरे अलावा सभी लोग अब ये मानते हैं
ग़लत नहीं थी मिरी राय उसके बारे में
शहराम सर्मदी (Shahram Sarmadi)
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बिछड़ गए तो ये दिल उम्र भर लगेगा नहीं
लगेगा लगने लगा है मगर लगेगा नहीं
उमैर नज्मी (Umair Najmi)
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चौंक उठ्ठा हूँ तिरे लम्स के एहसास के साथ
आ गया हूँ किसी सहरा में नई प्यास के साथ
राग़िब अख़्तर (Raghib Akhtar)
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आज कुछ और ही मंजर है मेरे चारों तरफ
गैर-महसूस तरीके से हवा चलती है
लियाक़त जाफ़री (Liaqat Jafri)
Famous Urdu Shayari