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Heena Sidhu

Heena Sidhu आज बात करने वाले हैं निशाने की पक्की हीना सिधु की, जो ऐसी पहली भारतीय हैं जिन्होंने अन्तर्राष्ट्रीय निशानेबाज़ी खेल संघ ( ISSF- International shooting sports federation) द्वारा आयोजित विश्व कप के फ़ायनल में स्वर्ण पदक अपने नाम किया। यही नहीं वो पहली ऐसी भारतीय हैं जिन्हें अन्तर्राष्ट्रीय निशानेबाज़ी खेल संघ द्वारा पिस्टल शूटिंग में पूरे विश्व में प्रथम स्थान दिया गया। यानी कि एक ऐसा समय आया जब वो पूरे विश्व में पिस्टल शूटिंग करने वाले खिलाड़ियों में शीर्ष स्थान प्राप्त किया।

हीना सिधु का निशानेबाज़ी में जाना कोई चौंकाने वाला निर्णय नहीं था क्योंकि उनके पिता भी एक राष्ट्रीय स्तर के निशानेबाज़ रह चुके हैं। उनके बड़े भाई भी निशानेबाज़ी में ही हैं। वहीं हीना के चाचा निशानेबाज़ी में प्रयुक्त होने वाले उपकरणों जैसे गन, पिस्टल आदि को बेचने का काम करते हैं। ऐसे में हीना का इस करियर की ओर मुड़ना कोई मुश्किल क़दम तो नहीं था लेकिन अपने लक्ष्य पर निशाना तो ख़ुद ही लगना होता है उसी तरह एक निशानेबाज़ बनने के लिए तैयारी भी ख़ुद ही करनी होती है। हम कह सकते हैं कि किसी रास्ते की पहचान हो सकती है लेकिन जब हम उस अर चलते हैं तो नए अनुभवों से दो चार होते हैं।

29 अगस्त 1989 को जन्मीं ही ना सिधु का पूरे विश्व के निशानेबाज़ों में शीर्षस्थ स्थान पाने की यात्रा ढेर सारी मेहनत और दृढ़ निश्चय और लगन का परिणाम है। 2006 में शूटिंग की शुरुआत करने वाली हीना अक्सर जूनियर और सीनियर कंपीटिशन में भाग लेती रहीं। 2009 में ही निशानेबाज़ी के विश्वकप में रजत पदक प्राप्त किया। उसी साल केरल में राष्ट्रीय प्रतियोगिता (महिलाओं के बीच) में पहला स्थान
प्राप्त किया। हीना ने अपने खेल से अपना नाम वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज करवाया है।

2010 के एशियन गेम्स में टीम के साथ खेलती हुई रजत पदक हासिल किया और 2010 के कॉमनवेल्थ गेम में अपनी साथी के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया। जैसा कि हम अक्सर कहते हैं कि अगर मेडल और अवार्ड की बातें करने बैठे तो पूरा कार्यक्रम लगेगा। वैसे ये बता दें कि ऐसा नहीं हैं कि हीना ने सिर्फ़ निशानेबाज़ी में नाम रोशन किया तो वो बस यही करती हैं। हीना एक डेंटिस्ट हैं।

हीना के जीवन में निशानेबाज़ी का एक अलग ही महत्व है। बचपन से ये साथ जुड़ा ही रहा, बाद में उन्हें इसी के कारण उनके पति भी मिले। वो ख़ुद भी एक निशानेबाज़ ही हैं, लेकिन वो अपने खेल से ज़्यादा हीना की कोचिंग में समय लगाते हैं और ऐसा कई सालों से हो रहा है। अब भी हीना देश का नाम रोशन कर रह हैं और आगे भी इसी तरह अपने खेल के दम पर एक और नया मुक़ाम हासिल करेंगी यही कामना है। Heena Sidhu

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