जैसे ही गाड़ी स्कूल के गेट के पास पहुँची, ननकू गाड़ी में बैठा अपना बैग सम्भालने लगा। उसे देखकर रसगुल्ला भी पूरी तरह तैयार हो गया, आख़िर उसे भी तो उतरना था साथ में लेकिन ये क्या जैसे ही पापा ने गाड़ी रोकी कि ननकू उतरने लगा लेकिन रसगुल्ला जब उतरने के लिए मचला तो ननकू ने उसे बाय कह दिया। रसगुल्ला को कुछ समझ ही नहीं आ रहा था। ऐसे कैसे ननकू ने उसे बाय कह दिया और अपने साथ लिया ही नहीं।
रसगुल्ला सोचने लगा ननकू का ये बैग ही रसगुल्ला की जगह ले रहा है। जब से ननकू के पास बैग आया है तब से उसने रसगुल्ला को अपने साथ नहीं लिया। तभी रसगुल्ला को याद आया कि ननकू उसे यहाँ तक साथ लेकर आया तो था। पर उससे क्या होता है वो उसे साथ लेकर तो नहीं गया न। रसगुल्ला ने अंदर बैठे-बैठे कूद-कूद के देखने लगा ननकू नज़र ही नहीं आ रहा था। पापा भी तो नीचे उतर गए थे। रसगुल्ला ने चीकू को देखा वो तो आराम से खिड़की से झाँककर ननकू को देख रहा था। रसगुल्ला भी उसके पास खड़ा होकर ननकू को देखने की कोशिश करने लगा लेकिन उसे तो कुछ दिख ही नहीं रहा था।
आख़िर उससे रहा नहीं गया तो वो कूदकर सामने की सीट पर जा बैठा और ननकू को देखने लगा। लेकिन ननकू तो उसे नज़र ही नहीं आ रहा था। रसगुल्ला झट से पापा वाली सीट की तरफ़ बढ़ा क्योंकि वहाँ उसे गोल सा स्टेयरिंग नज़र आया जिसे पापा घुमा रहे थे। रसगुल्ला ने सोचा कि वो उसके ऊपर चढ़कर ननकू को देखेगा। रसगुल्ला को पापा की सीट की तरफ़ बढ़ते देख चीकू ने उसे रोकने की कोशिश की लेकिन ननकू कहाँ उसकी बात सुनने वाला था। अचानक से कूदकर वो पापा वाली सीट में चढ़ा और पंजे ऊपर करके चढ़ने की कोशिश किया ही था कि ज़ोर से आवाज़ हुई।
ज़ोर से हॉर्न बजा और रसगुल्ला डरकर झट से चीकू के पास भाग गया। बाहर से सभी गाड़ी की ओर देखने लगे। उन्हें देखकर चीकू ने भी अपना सिर खिड़की से नीचे कर लिया। उधर पापा दौड़ते हुए आए और उनके पीछे ननकू भी चला आया। पापा ने गाड़ी के अंदर देखा तो रसगुल्ला ने तो डर के मारे उन्हें देखा ही नहीं लेकिन पापा ने उसे डाँटा नहीं बल्कि प्यार से पुचकारा और गोद में बाहर ले लिए।
ननकू पास आकर रसगुल्ला को देखने लगा। रसगुल्ला ननकू को देखकर ख़ुश हो गया। ननकू ने रसगुल्ला को प्यार किया और कहा
“रसगुल्ला..पापा के साथ घर चले जा..मैं जल्दी से पढ़ाई करके वापस घर आ जाऊँगा..तू मुझे लेने आना..ठीक है?..अभी जा” ये कहकर ननकू ने उसे एक बार और प्यार किया और गाड़ी की खिड़की से सटे चीकू को भी प्यार किया और बोला “चीकू..रसगुल्ला को अच्छे से रखना..मैं जल्दी से आऊँगा”
ननकू ने सभी को बाय किया और स्कूल चला गया। ननकू। को जाते देख रसगुल्ला ने धीरे से आवाज़ की पापा ने रसगुल्ला को पुचकारा तो वो पापा के पास ही दुबक गया। पापा ने उसे अपने बग़ल की सीट में बिठाकर बेल्ट लगाया और सब चल पड़े घर की ओर, रसगुल्ला को बिलकुल अच्छा नहीं लग रहा था ननकू को इस तरह छोड़कर जाते हुए।