उर्दू की बेहतरीन ग़ज़लें (रदीफ़ और क़ाफ़िए की जानकारी के साथ)
Best Urdu Ghazals ~ मिर्ज़ा ग़ालिब (Mirza Ghalib) की ग़ज़ल (Ghazal): बस-कि दुश्वार है हर काम का आसाँ होना बस-कि दुश्वार है हर काम का आसाँ होना आदमी को भी मयस्सर नहीं इंसाँ होना गिर्या चाहे है ख़राबी मिरे काशाने की दर ओ दीवार से टपके है बयाबाँ होना वा-ए-दीवानगी-ए-शौक़ कि हर दम मुझ को आप … Read more