दिल को छू लेने वाले ख़ूबसूरत शेर..
Deep Shayari बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या…
हिन्दी और उर्दू साहित्य का संगम
Deep Shayari बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या…
Ab Ke Hum Bichhde To Shayad Kabhi Khwaabon mein Milen.. अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख़्वाबों में मिलें…
Best Urdu Ghazals ~ मिर्ज़ा ग़ालिब (Mirza Ghalib) की ग़ज़ल (Ghazal): बस-कि दुश्वार है हर काम का आसाँ होना बस-कि…
Ab Aur Kya Kisi Se Marasim Badhayen Hum अहमद फ़राज़ की ग़ज़ल: अब और क्या किसी से मरासिम बढ़ाएँ हम…