वज़्न करने का तरीक़ा (7)
Ghazal Likhne Ka Tareeka शा’इरी में यूँ तो ख़याल की पुख़्तगी बहुत अहम् है लेकिन सिर्फ़ अच्छा या नया ख़याल होना ही शा’इरी नहीं हो जाएगा. ये बात बहुत ठीक से समझने की है कि शा’इरी सिर्फ़ फ़िलोसफ़ी नहीं है, फ़लसफ़े के साथ आहंग या मौसिक़ीयत (संगीत) का होना भी उतना ही ज़रूरी है. आजकल … Read more