दो शा’इर, दो ग़ज़लें(3): मुनीर नियाज़ी और गुलज़ार…

Munir Niazi Gulzar Ghazal ~ “साहित्य दुनिया” केटेगरी के अंतर्गत “दो शा’इर, दो ग़ज़लें” सिरीज़ में हम आज जिन दो शा’इरों की ग़ज़लें आपके सामने पेश कर रहे हैं वो हैं मुनीर नियाज़ी और सम्पूर्ण सिंह कालरा “गुलज़ार”. दोनों ही बहुत मो’अतबर नाम हैं. पढ़िए ग़ज़लें.. मुनीर नियाज़ी की ग़ज़ल: “बैठ जाता है वो जब … Read more