मुनीर नियाज़ी के बेहतरीन शेर

Munir Niazi Poetry In Hindi Zinda Rahen To Kya Mar Jayen Hum To Kya Munir Niazi Shayari

Munir Niazi Shayari ~ 1. शहर की गलियों में गहरी तीरगी गिर्यां रही रात बादल इस तरह आए कि मैं तो डर गया 2. दिल अजब मुश्किल में है अब अस्ल रस्ते की तरफ़ याद पीछे खींचती है आस आगे की तरफ़ 3. किसी को अपने अमल का हिसाब क्या देते सवाल सारे ग़लत थे … Read more

दो शा’इर, दो ग़ज़लें (9): मुनीर नियाज़ी और अमीर मीनाई….

Munir Niazi Poetry In Hindi Zinda Rahen To Kya Mar Jayen Hum To Kya Munir Niazi Shayari

मुनीर नियाज़ी की ग़ज़ल: ज़िंदा रहें तो क्या है जो मर जाएँ हम तो क्या (Zinda Rahen To Kya Mar Jayen Hum To Kya) ज़िंदा रहें तो क्या है जो मर जाएँ हम तो क्या, दुनिया से ख़ामुशी से गुज़र जाएँ हम तो क्या हस्ती ही अपनी क्या है ज़माने के सामने, इक ख़्वाब हैं … Read more

दो शा’इर, दो ग़ज़लें(3): मुनीर नियाज़ी और गुलज़ार…

Munir Niazi Gulzar Ghazal ~ “साहित्य दुनिया” केटेगरी के अंतर्गत “दो शा’इर, दो ग़ज़लें” सिरीज़ में हम आज जिन दो शा’इरों की ग़ज़लें आपके सामने पेश कर रहे हैं वो हैं मुनीर नियाज़ी और सम्पूर्ण सिंह कालरा “गुलज़ार”. दोनों ही बहुत मो’अतबर नाम हैं. पढ़िए ग़ज़लें.. मुनीर नियाज़ी की ग़ज़ल: “बैठ जाता है वो जब … Read more