रहमान फ़ारिस के बेहतरीन शेर..
Rehman Faris Shayari ~ मैं कार-आमद हूँ या बे-कार हूँ मैं मगर ऐ यार तेरा यार हूँ मैं जो देखा…
हिन्दी और उर्दू साहित्य का संगम
Rehman Faris Shayari ~ मैं कार-आमद हूँ या बे-कार हूँ मैं मगर ऐ यार तेरा यार हूँ मैं जो देखा…
Meraj Faizabadi Shayari बिखरे बिखरे सहमे सहमे रोज़ ओ शब देखेगा कौन लोग तेरे जुर्म देखेंगे सबब देखेगा कौन ___…
Khwab Shayari इक मुअम्मा है समझने का न समझाने का ज़िंदगी काहे को है ख़्वाब है दीवाने का फ़ानी बदायुनी…
Kumar Vishwas Shayari कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है…