दो शा’इर, दो ग़ज़लें(7): जाँ निसार अख़्तर और महशर बदायूँनी…
Aahat Si Koi Aaye To Lagta Hai Ke Tum Ho जाँ निसार अख़्तर की ग़ज़ल: आहट सी कोई आए तो…
हिन्दी और उर्दू साहित्य का संगम
Aahat Si Koi Aaye To Lagta Hai Ke Tum Ho जाँ निसार अख़्तर की ग़ज़ल: आहट सी कोई आए तो…