मिर्ज़ा ग़ालिब के मशहूर शेर

Mirza Ghalib ki shayari Ghalib Shayari Rubai Naqsh Fariyadi Hai Dard Minnat Kash Yak Zarra e Zamin Nahini Bekaar Baagh Ka Mirza Ghalib ke sher

Mirza Ghalib ke sher कोई उम्मीद बर नहीं आती कोई सूरत नज़र नहीं आती _____ जान दी, दी हुई उसी की थी हक़ तो यूँ है कि हक़ अदा न हुआ ______ ज़िंदगी यूँ भी गुज़र ही जाती क्यूँ तिरा राहगुज़र याद आया ______ हुई मुद्दत कि ‘ग़ालिब’ मर गया पर याद आता है वो … Read more