तहज़ीब हाफ़ी की ग़ज़लें
Tehzeeb Hafi Shayari Hindi ग़ज़ल 1: इस एक डर से ख़्वाब देखता नहीं मैं जो भी देखता हूँ भूलता नहीं माँ पर बेहतरीन शेर.. किसी मुंडेर पर कोई दिया जला फिर इस के बाद क्या हुआ पता नहीं अभी से हाथ काँपने लगे मिरे अभी तो मैं ने वो बदन छुआ नहीं मैं आ रहा … Read more