Train Shayari ~ रेलगाड़ी पर बेहतरीन शेर
Train Shayari सुब्ह-ए-काज़िब की हवा में दर्द था कितना ‘मुनीर’ रेल की सीटी बजी तो दिल लहू से भर गया मुनीर नियाज़ी (Munir Niazi) ~~~~~~ गाड़ी आती है लेकिन आती ही नहीं रेल की पटरी देख के थक जाता हूँ मैं मुहम्मद अल्वी (Muhammad Alvi) ~~~~~~~ रेल देखी है कभी सीने पे चलने वाली याद … Read more