आज फिर गर्दिश-ए-तक़दीर पे रोना आया – शकील बदायूँनी
Aaj Phir Gardish e Taqdeer Pe Rona Aaya – Shakeel Budanyuni आज फिर गर्दिश-ए-तक़दीर पे रोना आया दिल की बिगड़ी हुई तस्वीर पे रोना आया इश्क़ की क़ैद में अब तक तो उमीदों पे जिए मिट गई आस तो ज़ंजीर पे रोना आया क्या हसीं ख़्वाब मुहब्बत ने दिखाया था हमें खुल गई आँख तो … Read more