ख़ुशबू शायरी
Khushbu Shayari वो तो ख़ुशबू है हवाओं में बिखर जाएगा मसअला फूल का है फूल किधर जाएगा परवीन शाकिर _____…
हिन्दी और उर्दू साहित्य का संगम
Khushbu Shayari वो तो ख़ुशबू है हवाओं में बिखर जाएगा मसअला फूल का है फूल किधर जाएगा परवीन शाकिर _____…
Urdu Shayari Tree ~ वो जिसकी छाँव में पच्चीस साल गुज़रे हैं वो पेड़ मुझ से कोई बात क्यूँ नहीं…
Mushafi Shayari ~ शेख़ ग़ुलाम हमदानी ‘मुसहफ़ी’- सन 1750 में मुरादाबाद ज़िले के पास अमरोहा के अकबरपुर गाँव में इनका…