लू शुन की कहानी ‘साबुन की टिकिया’ का दूसरा भाग..

Sabun Ki Tikiya Lu

Sabun Ki Tikiya Lu Xun अब तक आपने पढ़ा.. श्रीमती किंग अपनी बेटी एलिगैन्स के साथ कमरे को व्यवस्थित कर रही थी तभी उसको मालूम हुआ कि सू मिंग घर आ गया. एलिगैन्स ने अपने पिता के हाथ में पार्सल देखा तो वो उस पर झपटी लेकिन उसकी माँ ने उसे एक ओर धकेल दिया. … Read more

लू शुन की कहानी ‘साबुन की टिकिया’ का पहला भाग..

Lu Xun Hindi Kahani

Lu Xun Hindi Kahani पहला भाग साबुन की टिकिया लेखक- लू शुन श्रीमती किंग कमरे की उत्तर वाली खिड़की की ओर पीठ करके, सूरज की अन्तिम किरणों की रोशनी में पितर-पूजा में जलाने के लिए काग़ज़ के नोटों की तह कर रही थीं। उसकी आठ वर्ष की लड़की एलिगैंस भी उसका हाथ बंटा रही थी। … Read more

घनी कहानी, छोटी शाखा: मुंशी प्रेमचंद की कहानी “ढपोरशंख” का पाँचवाँ भाग

Premchand ki Dhaporshankh

ढपोरशंख- मुंशी प्रेमचंद भाग-5 (Premchand ki Dhaporshankh अब तक आपने पढ़ा…लेखक यहाँ अपने एक मित्र ढपोरशंख की कहानी सुना रहे हैं। ढपोरशंख ने जब लेखक को अपने एक दोस्त के विषय में बताया तो उनकी पत्नी ने उस दोस्त करुणाकर को धोखेबाज़ कहा इस बात पर फ़ैसला करने के लिए लेखक को पाँच बनाकर लेखक … Read more

घनी कहानी, छोटी शाखा: मुंशी प्रेमचंद की कहानी “ढपोरशंख” का चौथा भाग

Munshi Premchand ki Dhaporshankh

ढपोरशंख- मुंशी प्रेमचंद भाग-4 Munshi Premchand ki Dhaporshankh(अब तक आपने पढ़ा…लेखक अपने एक मित्र के यहाँ आए हैं जिन्हें वो ढपोरशंख कहकर बुलाते हैं। इस मित्र के यहाँ आने पर उन्हें ढेर सारी चिट्ठियाँ मिलती हैं, जिसके बारे में पूछने पर पता चलता है कि वो उन्हें एक नए मित्र करुणाकर ने लिखी हैं। इस … Read more

घनी कहानी, छोटी शाखा: मुंशी प्रेमचंद की कहानी “ढपोरशंख” का तीसरा भाग

Munshi Premchand ki Story Dhaporshankh

Munshi Premchand ki Story Dhaporshankh ढपोरशंख- मुंशी प्रेमचंद भाग-3 Munshi Premchand ki Story Dhaporshankh अब तक आपने पढ़ा….लेखक अपने दोस्त के घर आए हुए हैं जो सभी की मदद को तैयार रहता है। ज़रूरत होने पर भी किसी से मदद नहीं लेता, लेखक अपने दोस्त को ढपोरशंख कहकर बुलाते हैं। अब की बार जब लेखक … Read more

घनी कहानी, छोटी शाखा: मुंशी प्रेमचंद की कहानी “ढपोरशंख” का दूसरा भाग

Munshi Premchand Story Dhaporshankh

Munshi Premchand Story Dhaporshankh ढपोरशंख- मुंशी प्रेमचंद  भाग-2 (अब तक आपने पढ़ा…लेखक अपने मित्र के बारे में बताते हैं जिन्हें वो रत्न मानते हैं लेकिन ढपोरशंख कहकर बुलाते हैं क्योंकि उनके मित्र भले ही अभावों में रह लें लेकिन न किसी के सामने हाथ फैलाते हैं और न ही अपनी ग़रीबी का रोना रोते। अगर … Read more

घनी कहानी, छोटी शाखा: मुंशी प्रेमचंद की कहानी “ढपोरशंख” का पहला भाग

Munshi Premchand ki kahani Dhaporshankh

Munshi Premchand ki kahani Dhaporshankh – ढपोरशंख- मुंशी प्रेमचंद भाग-1  Munshi Premchand ki kahani Dhaporshankh:: मुरादाबाद में मेरे एक पुराने मित्र हैं, जिन्हें दिल में तो मैं एक रत्न समझता हूँ पर पुकारता हूँ ढपोरशंख कहकर और वह बुरा भी नहीं मानते। ईश्वर ने उन्हें जितना ह्रदय दिया है, उसकी आधी बुद्धि दी होती, तो … Read more

घनी कहानी छोटी शाखा: सत्यजीत रे की कहानी “कॉर्वस” का अंतिम भाग

Satyajeet Re Hindi Kahani

Satyajeet Re Hindi Kahani कॉर्वस- सत्यजीत रे घनी कहानी छोटी शाखा: सत्यजीत रे की कहानी “कॉर्वस” का पहला भाग घनी कहानी छोटी शाखा: सत्यजीत रे की कहानी “कॉर्वस” का दूसरा भाग घनी कहानी छोटी शाखा: सत्यजीत रे की कहानी “कॉर्वस” का तीसरा भाग घनी कहानी छोटी शाखा: सत्यजीत रे की कहानी “कॉर्वस” का चौथा भाग … Read more

घनी कहानी छोटी शाखा: सत्यजीत रे की कहानी “कॉर्वस” का पाँचवाँ भाग

Kahani Satyajeet Ray ki

Kahani Satyajeet Ray ki कॉर्वस- सत्यजीत रे घनी कहानी छोटी शाखा: सत्यजीत रे की कहानी “कॉर्वस” का पहला भाग घनी कहानी छोटी शाखा: सत्यजीत रे की कहानी “कॉर्वस” का दूसरा भाग घनी कहानी छोटी शाखा: सत्यजीत रे की कहानी “कॉर्वस” का तीसरा भाग घनी कहानी छोटी शाखा: सत्यजीत रे की कहानी “कॉर्वस” का चौथा भाग … Read more

घनी कहानी छोटी शाखा: सत्यजीत रे की कहानी “कॉर्वस” का चौथा भाग

Satyajeet Ray Hindi Kahani

Satyajeet Ray Hindi Kahani कॉर्वस- सत्यजीत रे घनी कहानी छोटी शाखा: सत्यजीत रे की कहानी “कॉर्वस” का पहला भाग घनी कहानी छोटी शाखा: सत्यजीत रे की कहानी “कॉर्वस” का दूसरा भाग घनी कहानी छोटी शाखा: सत्यजीत रे की कहानी “कॉर्वस” का तीसरा भाग भाग- 4 (अब तक आपने पढ़ा…सत्यजीत रे की इस कहानी में हम … Read more