
मीर के मशहूर शेर
जिन जिन को था ये इश्क़ का आज़ार मर गए अक्सर हमारे साथ के बीमार मर गए _____ दिखाई दिए यूँ कि बे-ख़ुद किया हमें आप से भी जुदा कर चले ________ इश्क़ माशूक़ इश्क़ आशिक़ है यानी अपना ही …
मीर के मशहूर शेर आगे पढ़ें...हिन्दी और उर्दू साहित्य का संगम
जिन जिन को था ये इश्क़ का आज़ार मर गए अक्सर हमारे साथ के बीमार मर गए _____ दिखाई दिए यूँ कि बे-ख़ुद किया हमें आप से भी जुदा कर चले ________ इश्क़ माशूक़ इश्क़ आशिक़ है यानी अपना ही …
मीर के मशहूर शेर आगे पढ़ें...1. बिछड़ गए तो ये दिल उम्र भर लगेगा नहीं लगेगा लगने लगा है, मगर लगेगा नहीं नहीं लगेगा उसे देख कर, मगर ख़ुश है मैं ख़ुश नहीं हूँ, मगर देख कर लगेगा नहीं ! हमारे दिल को अभी मुस्तक़िल …
उमैर नज्मी की मशहूर ग़ज़लें.. आगे पढ़ें...वो हम-सफ़र था मगर उससे हम-नवाई न थी कि धूप छाँव का आलम रहा जुदाई न थी न अपना रंज न औरों का दुख न तेरा मलाल शब-ए-फ़िराक़ कभी हमने यूँ गँवाई न थी मुहब्बतों का सफ़र इस तरह भी …
वो हम-सफ़र था मगर उससे हम-नवाई न थी आगे पढ़ें...बात करनी मुझे मुश्किल कभी ऐसी तो न थी जैसी अब है तिरी महफ़िल कभी ऐसी तो न थी ले गया छीन के कौन आज तिरा सब्र ओ क़रार बे-क़रारी तुझे ऐ दिल कभी ऐसी तो न थी उसकी आँखों …
बात करनी मुझे मुश्किल कभी ऐसी तो न थी…. बहादुर शाह ज़फ़र आगे पढ़ें...