घनी कहानी, छोटी शाखा: जयशंकर प्रसाद की कहानी “ग़ुंडा” का दूसरा भाग

गुंडा- जयशंकर प्रसाद Gunda Jaishankar Prasad Ki Kahani घनी कहानी, छोटी शाखा: जयशंकर प्रसाद की कहानी “ग़ुंडा” का पहलाभाग भाग-2 (अब तक आपने पढ़ा..ये उस काल की कहानी है जब काशी में उपनिषद, ज्ञान की मान्यता से कहीं अधिक शस्त्र और बल की मान्यता हो गयी थी। जब बुद्धि और तेज को शस्त्र और बल … Read more

घनी कहानी, छोटी शाखा: जयशंकर प्रसाद की कहानी “ग़ुंडा” का पहलाभाग

ग़ुंडा- जयशंकर प्रसाद Gunda Jaishankar Prasad Ki Kahani भाग-1 वह पचास वर्ष से ऊपर था| तब भी युवकों से अधिक बलिष्ठ और दृढ़ था। चमड़े पर झुर्रियाँ नहीं पड़ी थीं| वर्षा की झड़ी में, पूस की रातों की छाया में, कड़कती हुई जेठ की धूप में, नंगे शरीर घूमने में वह सुख मानता था| उसकी … Read more

घनी कहानी, छोटी शाखा: शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय की कहानी “अनुपमा का प्रेम” का अंतिम भाग

Anupama ka prem Sharatchandr Chatopadhyay

अनुपमा का प्रेम- शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय   Anupama ka prem Sharatchandr घनी कहानी, छोटी शाखा: शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय की कहानी “अनुपमा का प्रेम” का पहला भाग घनी कहानी, छोटी शाखा: शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय की कहानी “अनुपमा का प्रेम” का दूसरा भाग भाग-3 (अब तक आपने पढ़ा। बचपन से उपन्यास पढ़ने की शौक़ीन अनुपमा उपन्यास की कहानियों को जीने … Read more

घनी कहानी, छोटी शाखा: शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय की कहानी “अनुपमा का प्रेम” का दूसरा भाग

Anupama ka prem Sharatchandr Chatopadhyay

अनुपमा का प्रेम- शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय Anupama ka prem घनी कहानी, छोटी शाखा: शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय की कहानी “अनुपमा का प्रेम” का पहला भाग भाग-2 (अब तक आपने पढ़ा..अनुपमा ग्यारह वर्ष की उम्र से ही उपन्यास पढ़ती आयी है इसका असर उसके मन पर भी पड़ा है। वो अपनी काल्पनिक दुनिया में जीती है उपन्यास की नायिका … Read more

घनी कहानी, छोटी शाखा: शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय की कहानी “अनुपमा का प्रेम” का पहला भाग

Anupama ka prem Sharatchandr Chatopadhyay

अनुपमा का प्रेम- शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय Anupama ka prem Sharatchandr Chatopadhyay भाग-1 ग्यारह वर्ष की आयु से ही अनुपमा उपन्यास पढ़-पढ़कर मष्तिष्क को एकदम बिगाड़ बैठी थी। वह समझती थी, मनुष्य के हृदय में जितना प्रेम, जितनी माधुरी, जितनी शोभा, जितना सौंदर्य, जितनी तृष्णा है, सब छान-बीनकर, साफ़ कर उसने अपने मष्तिष्क के भीतर जमा कर … Read more

घनी कहानी, छोटी शाखा: मुंशी प्रेमचंद की कहानी “सोहाग का शव” का तीसरा भाग

सोहाग का शव- मुंशी प्रेमचंद Premchand ki kahani Suhag Ka Shav घनी कहानी, छोटी शाखा: मुंशी प्रेमचंद की कहानी “सोहाग का शव” का पहला भाग घनी कहानी, छोटी शाखा: मुंशी प्रेमचंद की कहानी “सोहाग का शव” का दूसरा भाग भाग-3 (अब तक आपने पढ़ा..केशव और सुभद्रा की शादी को एक ही साल हुए हैं और … Read more

घनी कहानी, छोटी शाखा: मुंशी प्रेमचंद की कहानी “सोहाग का शव” का दूसरा भाग

सोहाग का शव- मुंशी प्रेमचंद Suhag Ka Shav घनी कहानी, छोटी शाखा: मुंशी प्रेमचंद की कहानी “सोहाग का शव” का पहला भाग भाग-2 (अब तक आपने पढ़ा..ये कहानी मध्यप्रदेश के एक छोटे से पहाड़ी गाँव की है। केशव जो मुंबई यूनिवर्सिटी से एम. ए. की डिग्री पाकर अब नागपुर में अध्यापन का काम करता है … Read more

घनी कहानी, छोटी शाखा: मुंशी प्रेमचंद की कहानी “सोहाग का शव” का पहला भाग

सोहाग का शव- मुंशी प्रेमचंद Suhag Ka Shav Premchand भाग-1 मध्यप्रदेश के एक पहाड़ी गाँव में एक छोटे-से घर की छत पर एक युवक मानो संध्या की निस्तब्धता में लीन बैठा था। सामने चन्द्रमा के मलिन प्रकाश में डूबी पर्वतमालाऍं अनन्त के स्वप्न की भाँति गम्भीर रहस्यमय, संगीतमय, मनोहर मालूम होती थीं, उन पहाड़ियों के … Read more

घनी कहानी, छोटी शाखा: जयशंकर प्रसाद की कहानी “पुरस्कार” का अंतिम भाग

पुरस्कार-जयशंकर प्रसाद Hindi Kahani Puruskar घनी कहानी, छोटी शाखा: जयशंकर प्रसाद की कहानी “पुरस्कार” का पहला भाग घनी कहानी, छोटी शाखा: जयशंकर प्रसाद की कहानी “पुरस्कार” का दूसरा भाग भाग-3 (अब तक आपने पढ़ा..कौशल राज्य के वार्षिक कृषि उत्सव में जब मधूलिका की भूमि को चुना जाता है तो वो उत्सव का भाग तो बनती … Read more

घनी कहानी, छोटी शाखा: जयशंकर प्रसाद की कहानी “पुरस्कार” का दूसरा भाग

पुरस्कार-जयशंकर प्रसाद Jaishankar Prasad Kahani Puruskar घनी कहानी, छोटी शाखा: जयशंकर प्रसाद की कहानी “पुरस्कार” का पहला भाग भाग-2 (अब तक आपने पढ़ा..कौशल राज्य का कृषि-उत्सव चल रहा है, जिसमें एक दिन के लिए राजा कृषक बनकर एक खेत जोतते और रोपते हैं, जिसके लिए गाँव के ही किसी किसान का उपजाऊ खेत चुना जाता … Read more