घनी कहानी, छोटी शाखा: मुंशी प्रेमचंद की कहानी “ढपोरशंख” का पहला भाग
Munshi Premchand ki kahani Dhaporshankh – ढपोरशंख- मुंशी प्रेमचंद भाग-1 Munshi Premchand ki kahani Dhaporshankh:: मुरादाबाद में मेरे एक पुराने मित्र हैं, जिन्हें दिल में तो मैं एक रत्न समझता हूँ पर पुकारता हूँ ढपोरशंख कहकर और वह बुरा भी नहीं मानते। ईश्वर ने उन्हें जितना ह्रदय दिया है, उसकी आधी बुद्धि दी होती, तो … Read more