घनी कहानी, छोटी शाखा: चिनुआ अचेबे की कहानी “बंद राहें” का अंतिम भाग

Chinua Achebe Hindi

Chinua Achebe Hindi बंद राहें चिनुआ अचेबे भाग-2 (अब तक आपने पढ़ा..मायकल ओबी को बहुत कम उम्र में ही नड्यूम केंद्रीय विद्यालय के प्रधानाचार्य का पद मिलता है क्यूँकि उस विद्यालय को आगे बढ़ाने के लिए संस्था को ओबी की तरह के युवा और उत्साह से भरे व्यक्ति की आवश्यकता थी। ओबी भी इस मौक़े … Read more

घनी कहानी, छोटी शाखा: चिनुआ अचेबे की कहानी “बंद राहें” का पहला भाग

Chinua Achebe Hindi Kahani

Chinua Achebe Hindi Kahani बंद राहें भाग-1 माइकल ओबी की इच्छा उम्मीद से पहले ही पूरी हो गयी थी। जनवरी 1949 में नड्यूम केंद्रीय विद्यालय के प्रधानाचार्य के पद पर उसकी नियुक्ति हो गयी। स्कूल चलाने वाली संस्था ने किसी नौजवान और ऊर्जा से भरे व्यक्ति को यहाँ भेजने का विचार किया था क्योंकि ये … Read more

घनी कहानी, छोटी शाखा: जयशंकर प्रसाद की कहानी “तानसेन” का अंतिम भाग

Jay Shankar Prasad Tansen

Jay Shankar Prasad Tansen तानसेन- जयशंकर प्रसाद घनी कहानी, छोटी शाखा: जयशंकर प्रसाद की कहानी “तानसेन” का पहला भाग भाग-2 (अब तक आपने पढ़ा…प्रकृति के घनी ख़ूबसूरती के बीच जा रहा एक पथिक प्यास से व्याकुल हो जल ढूँढना चाहता है और उसे घने वृक्षों के बीच एक जलस्थान मिल भी जाता है। लेकिन वहाँ … Read more

घनी कहानी, छोटी शाखा: जयशंकर प्रसाद की कहानी “तानसेन” का पहला भाग

Jayshankar Prasad Kahani Tansen

Jayshankar Prasad Kahani Tansen तानसेन- जयशंकर प्रसाद भाग-1 यह छोटा सा परिवार भी क्या ही सुन्दर है, सुहावने आम और जामुन के वृक्ष चारों ओर से इसे घेरे हुए हैं। दूर से देखने में यहाँ केवल एक बड़ा-सा वृक्षों का झुरमुट दिखाई देता है, पर इसका स्वच्छ जल अपने सौन्दर्य को ऊँचे ढूहों में छिपाये … Read more

घनी कहानी, छोटी शाखा: शरतचंद्र चट्टोपाध्याय की कहानी “विलासी” का अंतिम भाग

Sharatchandra ki Kahani Vilaasi

Sharatchandra ki Kahani Vilaasi : विलासी- शरतचंद्र चट्टोपाध्याय घनी कहानी, छोटी शाखा: शरतचंद्र चट्टोपाध्याय की कहानी “विलासी” का पहला भाग भाग- 2 (अब तक आपने पढ़ा….किसी गाँव के लड़के की डायरी के पन्नों से गाँव की एक कहानी चल निकली है। उस लड़के का नाम लेखक ने न्याड़ा रखा, जिसका अर्थ है जिसके बाल मुड़े … Read more

घनी कहानी, छोटी शाखा: शरतचंद्र चट्टोपाध्याय की कहानी “विलासी” का पहला भाग

Sharatchandra ki Kahani Vilasi

Sharatchandra ki Kahani Vilasi : विलासी- शरतचंद्र चट्टोपाध्याय भाग- 1 पक्का दो कोस रास्ता पैदल चलकर स्कूल में पढ़ने जाया करता हूँ। मैं अकेला नहीं हूँ, दस-बारह जने हैं। जिनके घर देहात में हैं, उनके लड़कों को अस्सी प्रतिशत इसी प्रकार विद्या-लाभ करना पड़ता है। अत: लाभ के अंकों में अन्त तक बिल्कुल शून्य न … Read more

घनी कहानी, छोटी शाखा: भुवनेश्वर की कहानी ‘माँ-बेटे’ का अंतिम भाग

Bhuvneshvar Kahani Maan Bete

Bhuvneshvar Kahani Maan Bete : माँ-बेटे – भुवनेश्वर घनी कहानी, छोटी शाखा: भुवनेश्वर की कहानी ‘माँ-बेटे’ का पहला भागभाग-2 (अब तक आपने पढ़ा…घर में बड़ी-बूढ़ी माँ मरणासन्न पड़ी है और पास-पड़ोस ही नहीं बल्कि घर के लोग भी अब इस बात में कम रुचि ले रहे हैं कि वो मरने वाली हैं। शायद कुछ लम्बे … Read more

घनी कहानी, छोटी शाखा: भुवनेश्वर की कहानी ‘माँ-बेटे’ का पहला भाग

Bhuvneshvar Ki Kahani Maan Bete

Bhuvneshvar Ki Kahani Maan Bete माँ-बेटे – भुवनेश्वर भाग-1 चारपाई को घेरकर बैठे हुए उन सब लोगों ने एक साथ एक गहरी साँस ली। वह सब थके-हारे हुए ख़ामोश थे। कमरे में पूरी ख़ामोशी थी, मरने वाले की साँस भी थकी हुई-सी हारी हुई थी। तीन दिन से वह सब मौत की लड़ाई देख रहे … Read more

घनी कहानी, छोटी शाखा: आचार्य चतुरसेन की कहानी ‘न मालूम सी एक ख़ता’ का अंतिम भाग

Acharya Chatursen

Acharya Chatursen न मालूम सी एक ख़ता- आचार्य चतुरसेन भाग-3 Acharya Chatursen (अब तक आपने पढ़ा…बादशाह अपनी नयी बेगम सलीमा के सतह विवाह के बाद से ही कश्मीर के दौलतख़ाने में रहते हैं..दो दिन बादशाह के शिकार से न लौटने पर विरह से व्याकुल सलीमा बेगम अपनी साक़ी से संगीत सुनकर मन बहलाती है और … Read more

घनी कहानी, छोटी शाखा: आचार्य चतुरसेन की कहानी ‘न मालूम सी एक ख़ता’ का दूसरा भाग

Acharya Chatursen Kahaani

Acharya Chatursen Kahaani न मालूम सी एक ख़ता- आचार्य चतुरसेन भाग-2 Acharya Chatursen Kahaani (अब तक आपने पढ़ा..बादशाह की नयी बेगम सलीमा उनके साथ कश्मीर के दौलतख़ाने में रह रही होती हैं। बादशाह के दो दिन तक शिकार से न लौटने पर विरह में व्याकुल बादशाह की राह ताकती सलीमा अपनी बाँदी को बुलाकर उसके साथ संगीत … Read more