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Birthday Special: इस दौर के सबसे मक़बूल शायरों में से एक राहत इन्दौरी; ‘हमारे पाँव का काँटा हमीं से निकलेगा’
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पक्षी और बादल, ये भगवान के डाकिए हैं, जो एक महादेश से दूसरे महादेश को जाते हैं। हम तो समझ…

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तेरे लिए सब छोड़ के तेरा न रहा मैं दुनिया भी गई इश्क़ में तुझ से भी गया मैं इक…

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कहाँ हो तुम चले आओ मुहब्बत का तक़ाज़ा है – बहज़ाद लखनवी

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कहाँ हो तुम चले आओ मुहब्बत का तक़ाज़ा है ग़म-ए-दुनिया से घबरा कर तुम्हें दिल ने पुकारा है तुम्हारी बे-रुख़ी…

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अरग़वान रब्बही

आँख बोझल है मगर नींद नहीं आती है मेरी गर्दन में हमाइल तिरी बाँहें जो नहीं किसी करवट भी मुझे…

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वर्कशॉप और इवेंट्स के दौरान…
अरग़वान रब्बही साहित्य दुनिया की वर्कशॉप के दौरान
जब साहित्य दुनिया पहुँचा बच्चों के पास..
जस्ट बुक्स अँधेरी में एक प्रोग्राम के बाद ली गयी तस्वीर
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नेहा शर्मा के साथ वंदना सेन गुप्ता
नेहा शर्मा साहित्य दुनिया की वर्कशॉप के दौरान
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वौइस् आर्टिस्ट और अभिनेता अमरिंदर सिंह सोढ़ी, विवा वौइस् अकादमी की संस्थापक वंदना सेन गुप्ता के साथ साहित्य दुनिया के संस्थापक नेहा शर्मा और अरग़वान रब्बही
अरग़वान रब्बही साहित्य दुनिया की वर्कशॉप के दौरान
साहित्य दुनिया टीम
नेहा शर्मा (Neha Sharma)
अरग़वान रब्बही (Arghwan Rabbhi)
साहित्य दुनिया के बारे में

साहित्य दुनिया नेहा शर्मा और अरग़वान रब्बही का साझा प्रयास है. इसके ज़रिए कोशिश ये है कि लोगों की रूचि साहित्य और भाषा में बढ़े। ये साहित्य और भाषा से जुड़ी बातों को बड़े-बड़े और गम्भीर वाक्यों से न समझाकर उसे सरल, बोलचाल की भाषा में आम जन तक पहुँचाने का प्रयास है।

शायद यही कारण है कि साहित्य दुनिया को कम समय में ही पाठकों का ढेर सारा प्यार मिला है और लगातार मिल रहा है. साहित्य दुनिया की शुरुआत सोशल मीडिया से हुई लेकिन जल्द ही साहित्य दुनिया ने मुंबई में अपनी वर्कशॉप और परिचर्चा आदि भी शुरू की है। ये एक ऐसा सिलसिला है जो अभी भी जारी है और इसे आगे बढ़ाने के लिए हम प्रयासरत हैं।

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